तेरी तस्वीर को जला रहा हूँ... तेरी हर बात को भुला रहा हूँ... तुझमे था ही क्या ऐसा? जो मैं दिल लगा बैठा ... न जाने कब से? दिल को यह कहकर, फुसला रहा हूँ ...! !
अब तो ऐसा लगता हैं की शायद हम हमेशा से ही अलग थे... वो तो मैं था जो तेरे रास्तें पर चलने की कोशिश किया करता था..!!!