कोई लिख रहा है की कुछ भी लिखने से पहले सोच लेना ..और कोई बोल रहा हैं की जो भी हुआ सही हुआ ...
कुछ के हिसाब से पुलिस पर उस दिन बहुत प्रेशर था सो ऐसा किया ..और किसी ने बोला की "पोस्ट" करने वालो ने माफ़ी मांग ली है
अब सब सही है ..लोगो को बचना चाहिए ऐसी चीज़े लिखने से ..जिन्होंने गलत किया वो मानने की तैयार नहीं की गलत हुआ ..
बहुत भाषण बाज़ी हो रही है ..बहुत सारे लोग कानून का ज्ञान दे रहे हैं ..कुछ कह रह
कुछ के हिसाब से पुलिस पर उस दिन बहुत प्रेशर था सो ऐसा किया ..और किसी ने बोला की "पोस्ट" करने वालो ने माफ़ी मांग ली है
अब सब सही है ..लोगो को बचना चाहिए ऐसी चीज़े लिखने से ..जिन्होंने गलत किया वो मानने की तैयार नहीं की गलत हुआ ..
बहुत भाषण बाज़ी हो रही है ..बहुत सारे लोग कानून का ज्ञान दे रहे हैं ..कुछ कह रह
े हैं की "fundamental right" हैं हमारा ..
कुछ कहते है की पुलिस वालो को ससपेंड करो ..कुछ बोल रहे हैं जाँच के आदेश दे दिए गए है ..कुछ लोग जो हमारे नए मसीहः बने बैठे हैं
लगता है उनको "corruption " के अलावा किसी और चीज़ से मतलब नहीं ..वो लोग हमें कही बोलते नज़र नहीं आये ..
कुछ लोग वो भी है जो नए प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब देख रहे हैं ..उनको भी हमारी सुध नहीं ..हमारे अभी के प्रधानमंत्री तो वैसे भी कम बोलते हैं ..
क्या आपके घर को 200 जने घेर ले और तोड़फोड़ करे तो क्या आप पुलिस के पास जायेंगे ? नहीं !पुलिस आपको भी पकड़ सकती है
चलो मान लो चले भी गए और पुलिस ने दंगा करने वालो को पकड़ लिया ..तो क्या वो लोग आपको बाकि की उम्र अच्छे से रहने देंगे ?बहुत मुश्किल हैं .. कुत्ते की पूछ कभी सीधी नहीं होती. ...तो क्या हम हर छोटी बड़ी चीज़ के लिए अब कोर्ट के चक्कर काटे ?उस कोर्ट के जो तोड़फोड़ करने वालो को तो 7500 रुपे का जुरमाना लगाती हैं और एक फेसबुक
पोस्ट लिखने वालो पे 15000 का ? भाई "fundamental right" का क्या करेंगे जब जिंदगी पे ही खतरा हो ..डर डर के जीने वाला इंसान क्या करेगा ऐसे right रख के ? समझ नहीं आता की किसके पास जाये और क्या करे ...
सब के सब मिले हैं बस रूप अलग-अलग हैं ..! बहुत दुख होता है अपने देश की इस हालत को देख कर ..
बस मैं इस हालात मे येही कहना चाहता हूँ की ..
गिरफ्त करलो कितना भी ..
चाहे कितना भी डरा धमका लो ..
चाहो तो बेजुबान कर दो ..
पर याद रखना ..
यह कलम युही बेपरवाह चलेगी ..
मेरे हाथ मे न सही ..
किसी और के पास ही ..
पर ये आग हर वक़्त लगेगी !
जय हिन्द !
कुछ कहते है की पुलिस वालो को ससपेंड करो ..कुछ बोल रहे हैं जाँच के आदेश दे दिए गए है ..कुछ लोग जो हमारे नए मसीहः बने बैठे हैं
लगता है उनको "corruption " के अलावा किसी और चीज़ से मतलब नहीं ..वो लोग हमें कही बोलते नज़र नहीं आये ..
कुछ लोग वो भी है जो नए प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब देख रहे हैं ..उनको भी हमारी सुध नहीं ..हमारे अभी के प्रधानमंत्री तो वैसे भी कम बोलते हैं ..
क्या आपके घर को 200 जने घेर ले और तोड़फोड़ करे तो क्या आप पुलिस के पास जायेंगे ? नहीं !पुलिस आपको भी पकड़ सकती है
चलो मान लो चले भी गए और पुलिस ने दंगा करने वालो को पकड़ लिया ..तो क्या वो लोग आपको बाकि की उम्र अच्छे से रहने देंगे ?बहुत मुश्किल हैं .. कुत्ते की पूछ कभी सीधी नहीं होती. ...तो क्या हम हर छोटी बड़ी चीज़ के लिए अब कोर्ट के चक्कर काटे ?उस कोर्ट के जो तोड़फोड़ करने वालो को तो 7500 रुपे का जुरमाना लगाती हैं और एक फेसबुक
पोस्ट लिखने वालो पे 15000 का ? भाई "fundamental right" का क्या करेंगे जब जिंदगी पे ही खतरा हो ..डर डर के जीने वाला इंसान क्या करेगा ऐसे right रख के ? समझ नहीं आता की किसके पास जाये और क्या करे ...
सब के सब मिले हैं बस रूप अलग-अलग हैं ..! बहुत दुख होता है अपने देश की इस हालत को देख कर ..
बस मैं इस हालात मे येही कहना चाहता हूँ की ..
गिरफ्त करलो कितना भी ..
चाहे कितना भी डरा धमका लो ..
चाहो तो बेजुबान कर दो ..
पर याद रखना ..
यह कलम युही बेपरवाह चलेगी ..
मेरे हाथ मे न सही ..
किसी और के पास ही ..
पर ये आग हर वक़्त लगेगी !
जय हिन्द !