
कुछ रिश्तें खुदा अपने से बनाता हैं...
और कुछ..उसे खुदा बनाते हैं..
ऐसे ही रिश्तें दोस्ती कहलाते हैं...!
दोस्त !
न उसमे वो खून होना चाहिए,
जो आपका हो..
न उसका वो रंग रूप होना चाहिए,
जो आपका हो..
न तो उसकी कोई उम्र हैं,
न ही उसमे कोई जबर हैं,
न इस रिश्तें का कोई नाम हैं
न ही यह रिश्ता बेनाम हैं..
ये रिश्ता, दुनिया की हर चीज़ से जोड़ता हैं..
ये रिश्ता,हर बंधन को तोड़ता हैं..
ये रिश्ता साथ निभाता हैं..
जब हर कोई मुहँ मोड़ता हैं..
इस रिश्तें में न कोई किसी से आगे बढता हैं
न ही किसी को पीछे छोड़ता हैं..
ये मेरा सलाम हैं उन दोस्तों को.
जिसने मेरी इस छोटी सी दुनिया को
जीना सिखाया है..
या यूँ कहू जिसने इस दुनिया को ..
दुनिया बनाया हैं ....!
3 comments:
sach bahut hi sunder kaha hai aap
Good one Aamir..
boss dhansu h yar ...
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