Wednesday, January 20, 2010

ख़्वाब

कल रात दिल के दरवाजे पर एक दस्तक हुई ,
दिल घबराया की इतनी रात कौन आया हैं??
कंपकपाते मन के साथ दरवाजा खोला,
देखा तो एक खूबसूरत ख्वाब आया था||
मेरे खोये हुए इश्क को अपने साथ लाया था,
वो आँखें जिन्होंने हमें जीना सिखाया था|
वो "लब" जिन्होंने इन आँसुओं को जज्बात बताया था ,
जिसने,मेरी खुशियों को अपनी मुस्कान बनाया था ||
वो ख़्वाब,खुद चलकर,मेरे पास आया था|
तभी किसी आवाज़ से नींद टूटी,
देखा तो,कमरे में कोई न था||
ख़्वाब था शायद,खूबसूरत ख़्वाब लाया था!!!

4 comments:

संगीता पुरी said...

ख्‍वाब का खूबसूरत ख्‍वाब .. बहुत सुंदर !!

Udan Tashtari said...

कंपकपाते मन के साथ दरवाजा खोला,
देखा तो एक खूबसूरत ख्वाब आया था||

-शानदार!!

अजय कुमार said...

जज्बातों की सुंदर प्रस्तुति

Unknown said...

really very nice...hmmm uncle ka poora asar aaya h...

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