Friday, July 16, 2010

तलाश


मंजिलो की भीड़ में बस राहों की तलाश हैं,
गले लगाये,हौंसला बढाए, ऐसी बाहों की तलाश हैं|
सब कुछ पाकर भी दिल में कुछ बैचैनी सी हैं,
दो पल सुकून दिला दे, बस ऐसी निगाहों की तलाश हैं||

ख्वाबों की रंगीन दुनिया में तो आसमान भी छु लूँ ,
बस इन ख्वाबों को हकीक़त बना दे, ऐसी दुआओं की तलाश हैं |
आशाओं के पंखों से जो उड़ना सिखा दे, ऐसी हवाओं की तलाश हैं|
इस "आज" से उस "कल" के अंश को हटा दे,ऐसी घटाओं की तलाश हैं|
मुझे तो बस दो पल सुकून दिला दे, ऐसी निगाहों की तलाश हैं||

इश्क का तो क़त्ल हुआ, बस गवाहों की तलाश हैं|
बोझिल होती आँखों में अब जीने की नहीं कोई आस हैं|
ऐ जिंदगी! तू किस मोड़ पर हैं आ खड़ी?
की अब जीने के लिए साँसों को भी नई साँसों की तलाश हैं||

धर्म, कर्म के इस बवंडर में, हर एक को, अपनी दिशाओं की तलाश हैं|
भूल गए सब रिश्ते नाते,बस आगे बढ़ने की प्यास हैं|
कौन अपना कौन पराया,सिर्फ लोभ की मिठास हैं|
हें जिंदगी! मुझे तो बस दो पल सुकून दिला दे,ऐसी निगाहों की तलाश हैं ||

2 comments:

अजय कुमार said...

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

संगीता पुरी said...

इस नए ब्‍लॉग के साथ आपका हिंदी चिट्ठाजगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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