Friday, September 17, 2010

आसूँ




कोई मेरे अपनों से बिछड़ने को भी लिख देता,
अगर उन्हें मेरी फिक्र होती|
पर कभी किसी ने उन्हें ग़म बताया,
और किसी ने बोला मोती||

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