Tuesday, October 7, 2008
क्यों नहीं उबलता खून हमारा ??
क्यों खून उबलता नहीं मेरे देश के वासी का
क्यों क्लेवर बदलता नहीं मेरे देश की झाँसी का
क्यों झगड़ बैठा हैं वो त्रिशूल पर या दाढ़ी पर
क्यों राजनीति हो रही हैं "नैनो" जैसे गाड़ी पर
क्यों डर बैठा हैं वो बम जैसे खतरों से
ना उम्मीद हो चुके हैं हम इन सरकारी बहरों से
फिर भी,क्यों खून उबलता नहीं मेरे देश के वासी का ??
क्यों ख़ुद पर हो हमला,तो भड़क उठता हैं वो
पर देश के लिए क्या कारण हैं,इस बेरुखी,इस उदासी का
क्यों खून उबलता नहीं मेरे देश के वासी का
कहाँ गुम हो गया हैं "भगत"इन आदिम अंधेरो में
क्यों इंतज़ार करता हैं वो इस सरकारी फांसी का
क्यों काम करता हैं वो इन नेताओ की दासी सा
क्यों खून उबलता नहीं मेरे देश के वासी का
बस एक प्रश्न पूछता हूँ मैं आपसे
क्यों प्रश्न बदलता नहीं मेरे जैसे प्रयासी का.....
क्यों खून उबलता नहीं मेरे देश के वासी का????
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3 comments:
Good job bro...
Its an eye opener and again shows the patriotic bend you have within you. They say that poetry is the essence of a pure heart, my friend keep this gift with you always
again a brilliant work done wd finest of touch..
man this reflects ur pen and ur ink..keep up the good job
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