Wednesday, October 8, 2008

मेरा पहला प्रयास....


आज मैं आपके सामने वो प्रस्तुत कर रहा हूँ जो मेरे लिए अमूल्य हैं...मेरी पहली कविता....
इसी कविता के साथ मैंने पहली बार काव्य लेखन शुरू किया था॥
यह कविता "महात्मा गाँधी जी "पर आधारित हैं |यह कविता मैंने 8 वी कक्षा में "बापू" के जन्मदिवस पर मेरे विद्यालय (स्कूल) के कार्यक्रम के लिए लिखी थी...और उसी के बाद मुझे लिखने का शौक लगा....प्रस्तुत हैं मेरी कविता....

"साबरमती का संत हैं यह गाँधी,
जिसने देश में एकता की डोर हैं बाँधी"

हिन्दुस्तान के लकते जिगर ने कर दिया कमाल|
एक लाठी के बल पर मचा दिया धमाल
और अंग्रेजो के लिए बन गया महाकाल||

यह देश की आज़ादी का कारक हैं,
इसकी लाठी दुश्मनों की आहिंसा रूपी मारक हैं|
यह आहिंसा का पुजारी हैं,
यह नेत्र पर ऐनक धारी हैं||

यह हमारी आज़ादी का नायक हैं,
स्वतंत्रता प्राप्ति में हुई कठिनाइयों का गायक हैं|
इसने देश को दिया आहिंसा का नारा हैं,
यह जगत में भारत को सबसे प्यारा हैं||

1 comment:

Unknown said...

Yaar mere Sher...kai baar mujhe tujase ershya hone lagati hai..ki aakhir maine kya gunah kya jo mai..tere jitana achcha...thos..damdar...kyun nahi likh pata yaarrr...
gud yaar gud..
Surendra Choudhary"vyathit"

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