Wednesday, July 29, 2009

मैं और मेरी बेबसी !!!

कुछ सपनो को बनते-बिगड़ते देखा हैं मैंने,

उसको,अपने अक्स से,उस शख्स से,डरते देखा हैं मैंने

मेरी कमजोरी हैं की,मैं कुछ न कर सका,

बस हताश नजरो से ,वक्त को बदलते, देखा हैं मैंने

1 comment:

ओम आर्य said...

bahut hi behatar tarike se aapane apane dil ki baat kahi hai .....atisundar

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