AK's
Tuesday, March 8, 2011
ख़ता
हमसे यह कैसी ख़ता हो गयी
नाम उसका अब मेरी दुआ हो गयी...!
बंद आँखों से ही देखो रज़ा हो गयी
एक पल की दूरी भी अब सज़ा हो गयी ...!
इसको क्या मैं प्यार कहू ?
की अब वो मेरी हर ख़ुशी की वजह हो गयी ...!
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