हे खुदा!इंसान बना देन चाहूँ मैं ग़ालिब का तमगा,
न तू शान अपार दिला दे|
जब भी मांगू,बस
एक दुआ दे
हे खुदा! इंसान बना दे ......सरहदों का भेद मिटा दे ,
अमन-चैन का वरदान दिला दे |
धर्मो का बंधन हटा दे,
अंधेरे को दूर भगा दे||
जब भी मांगू,बस एक दुआ दे
हे खुदा! इंसान बना दे ...सच्चाई का परचम फेहरा दे
बुराई का तू नाश करा दे
जब भी कोई मांगे, तो बस एक दुआ दे
हे खुदा!इंसान बना दे ...आतंक
का तू अंत करा
दे,खुशियों की चादर उडा
दे|दोस्ती का खेल सिखला दे,
हर मैं तेरा अक्स दिखला
दे||जब भी कोई मांगे,तो बस एक दुआ दे
हे खुदा!इंसान बना दे.....
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